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अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस: बालिकाओं और महिलाओं को अपने हक व अधिकार समझने की जरूरत

हर साल 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। पूरी दुनिया में कई सारे अधिकार लड़कियों के लिए बनाए गए हैं। हमारे देश में भी कई सारे कानून बनाए गए हैं और उनमें से कई कानूनी अधिकार लड़कियों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को कम करने के लिए बनाए गए हैं।इस मौके पर अधिवक्ता भारती यादव से चर्चा की गयी जिसमें उन्होंने बालिकाओं और महिलाओं से संबंधित अधिकार आदि कानूनों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।

सवाल : कानून किस प्रकार से महिलाओं और बालिकाओं की सहायता करता है?

जवाब : महिलाओं व बालिकाओं को संविधान समानता का अधिकार देता है। उन्हें अपने हक व अधिकार को समझना होगा। किसी भी तरह के उत्पीड़न पर कानून का सहारा लेना चाहिये महिलाओं और बालिकाओं के लिए तमाम ऐसे कानून बने है जिससे उनका संरक्षण व क्षतिपूर्ति मिल सके। बस उन्हें अपने अधिकार के प्रति सजग होना होगा।

सवाल : अगर महिलाओं और बालिकाओं को विशेष अधिकार नहीं मिले तो वह किस प्रकार से अपना हक प्राप्त कर सकती हैं?
जवाब : बच्चों और महिलाओं के उत्थान के लिए विशेष अधिकार उपलब्ध हैं। इन विशेष अधिकारों के नहीं मिलने पर बच्चे व महिलाएं संविधान के ही अंतर्गत अनुच्छेद 32 एवं 226 के तहत सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट तक पहुंच कर न्याय हासिल कर सकते हैं। वहीं बच्चों और महिलाओं को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए मुफ्त कानूनी सहायता भी मिलती है।

सवाल : ऐसे कौन से कानून हैं जो हर लड़की को पता होना चाहिए?
जवाब : ऐसे क़ानून जो हर लड़की क़ो पता होना चाहिए
अगर किसी लड़की की आपत्तिजनक फोटो या फिर वीडियो कोई भी व्यक्ति इंटरनेट पर अपलोड करता है तो आपको बता दें कि यह वेबसाइट के संबंधित कानूनों के खिलाफ होता है और आपराधिक कानून अधिनियम 2013 की धारा 354 के तहत उसे सजा भी मिलती है क्योंकि यह अपराध की श्रेणी में आता है।
सवाल : कार्य स्थल पर बालिका और महिला को उनके कौन से अधिकार पता होने चाहिए?
जवाब : अगर किसी लड़की के साथ उस के कार्यस्थल यानी ऑफिस पर कोई व्यक्ति सेक्सुअल हैरेसमेंट करता है तो कार्यस्थल के यौन उत्पीड़न के खिलाफ अधिनियम साल 2013 के तहत उस व्यक्ति के ऊपर यौन-उत्पीड़न से पीड़ित महिला पुलिस में शिकायत कर सकती है। महिलाओं को लिंग समानता और स्वतंत्रता का अधिकार मिलता है और वर्कप्लेस पर सुरक्षा भावना को बढ़ावा देने के लिए यह एक्ट मददगार साबित होता है।

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सवाल : किस प्रकार महिला क़ानून की सहायता ले सकती है?
जवाब : कानून के अनुसार कोई भी लड़की हमारे देश में मुफ्त में कानूनी सहायता के लिए मांग कर सकती हैं। यह कानूनी अधिकार हर राज्य के पास होता है कि वह अपने राज्य की लड़कियों को कानूनी सहायता प्रदान करें यौन उत्पीड़न, कार्यस्थल पर छेड़छाड़ पर शिकायत कर सकती हैं। इसके लिए पीड़ित महिला का बयान महिला अधिकारी द्वारा ही लिया जाएगा। हर साल 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। पूरी दुनिया में कई सारे अधिकार लड़कियों के लिए बनाए गए हैं। हमारे देश में भी कई सारे कानून बनाए गए हैं और उनमें से कई कानूनी अधिकार लड़कियों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को कम करने के लिए बनाए गए हैं।इस मौके पर अधिवक्ता भारती यादव से चर्चा की गयी जिसमें उन्होंने बालिकाओं और महिलाओं से संबंधित अधिकार आदि कानूनों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
सवाल : कानून किस प्रकार से महिलाओं और बालिकाओं की सहायता करता है?
जवाब : महिलाओं व बालिकाओं को संविधान समानता का अधिकार देता है। उन्हें अपने हक व अधिकार को समझना होगा। किसी भी तरह के उत्पीड़न पर कानून का सहारा लेना चाहिये महिलाओं और बालिकाओं के लिए तमाम ऐसे कानून बने है जिससे उनका संरक्षण व क्षतिपूर्ति मिल सके। बस उन्हें अपने अधिकार के प्रति सजग होना होगा।
सवाल : अगर महिलाओं और बालिकाओं को विशेष अधिकार नहीं मिले तो वह किस प्रकार से अपना हक प्राप्त कर सकती हैं?
जवाब : बच्चों और महिलाओं के उत्थान के लिए विशेष अधिकार उपलब्ध हैं। इन विशेष अधिकारों के नहीं मिलने पर बच्चे व महिलाएं संविधान के ही अंतर्गत अनुच्छेद 32 एवं 226 के तहत सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट तक पहुंच कर न्याय हासिल कर सकते हैं। वहीं बच्चों और महिलाओं को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए मुफ्त कानूनी सहायता भी मिलती है।
सवाल : ऐसे कौन से कानून हैं जो हर लड़की को पता होना चाहिए?
जवाब : ऐसे क़ानून जो हर लड़की क़ो पता होना चाहिए
अगर किसी लड़की की आपत्तिजनक फोटो या फिर वीडियो कोई भी व्यक्ति इंटरनेट पर अपलोड करता है तो आपको बता दें कि यह वेबसाइट के संबंधित कानूनों के खिलाफ होता है और आपराधिक कानून अधिनियम 2013 की धारा 354 के तहत उसे सजा भी मिलती है क्योंकि यह अपराध की श्रेणी में आता है।
सवाल : कार्य स्थल पर बालिका और महिला क़ो उनके कौन से अधिकार पता होने चाहिए?
जवाब : अगर किसी लड़की के साथ उस के कार्यस्थल यानी ऑफिस पर कोई व्यक्ति सेक्सुअल हैरेसमेंट करता है तो कार्यस्थल के यौन उत्पीड़न के खिलाफ अधिनियम साल 2013 के तहत उस व्यक्ति के ऊपर यौन-उत्पीड़न से पीड़ित महिला पुलिस में शिकायत कर सकती है। महिलाओं को लिंग समानता और स्वतंत्रता का अधिकार मिलता है और वर्कप्लेस पर सुरक्षा भावना को बढ़ावा देने के लिए यह एक्ट मददगार साबित होता है।
सवाल : किस प्रकार महिला क़ानून की सहायता ले सकती है?
जवाब : कानून के अनुसार कोई भी लड़की हमारे देश में मुफ्त में कानूनी सहायता के लिए मांग कर सकती हैं। यह कानूनी अधिकार हर राज्य के पास होता है कि वह अपने राज्य की लड़कियों को कानूनी सहायता प्रदान करें यौन उत्पीड़न, कार्यस्थल पर छेड़छाड़ पर शिकायत कर सकती हैं। इसके लिए पीड़ित महिला का बयान महिला अधिकारी द्वारा ही लिया जाएगा।

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