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एशिया का प्रमुख ईधन तेल का शोधन कर्त्ता भारत

  • इंजी . राजेश पाठक
    विदेश मंत्री एस जयशंकर अपनी किताब ‘व्हाय भारत मैटर्स’ में एक जगह लिखते हैं , जिसका सार रूप यूं है कि – विदेश नीति की भूमिका केवल देश में छाए संकट काल में नहीं। आपकी व्यक्तिगत सुरक्षा, रोजगार, आपके जीवन की गुणवत्ता से भी उसका उतना ही लेना-देना है। यदि कोई छात्र है तो वीजा मिलना , और फिर व्यवसायी है तो विदेशी बाजार में पहुंच और आसान हो जाना, ये तब संभव है जब किसी देश से राजनयिक सबंध सुदृढ़ हों । सेवा क्षेत्र के प्रोफेशनल हैं तो आपकी राह को ये अधिक सुगम बना सकती है। अर्थव्यवस्था के लिए निवेश, टेक्नॉलजी और अनुबंधों के अनुपालन के सर्वोत्तम स्तर को प्राप्त करने में भी इसकी भूमिका कोई कम नहीं, ये भी जान लीजीये है। रूस – उक्रेन का युद्ध , उसकी प्रतिक्रिया में रूस पर प्रतिबंध फिर निर्बन्ध कच्चे तेल के बदले भरत के साथ रूस का भारतीय रुपए में व्यापार ये सब देशहित में अपनाई गयी उच्च स्तर की डिप्लोमसी का ही परिणाम है।
    ये भारत की ही डिप्लोमेसी का परिणाम है कि आज भारत सऊदी अरबीया को पछाड़ कर यूरोप का वेक्यूम गैस आयल(वीजीओ) के साथ ही डीज़ल और जेट फ्यूल का सबसे बड़ा सप्लायर बन चुका है, आज 3.50 लाख बैरल से भी ज्यादा डीज़ल व जेट फ्यूल जैसे उत्पाद भारत यूरोप को सप्लाई करता है, इसका परिणाम ये हुआ है कि यूरोप की अपनी रिफाइनरियों का भारत से प्राप्त होने वाले पेट्रोल उत्पाद के कारण बाज़ार में खड़े हो पाना मुश्किल हो गया है। वैसे ये रिफाइनिंग (परिशोधन) का काम इंडियन पब्लिक सेक्टर इंडियन कारपोरेशन, हिन्दुस्तान कारपोरेशन लिमिटेड भी कर सकते थे, पर उनके पास क्षमता के अभाव में प्राइवेट सेक्टर ये काम कर रहा है और देश की विदेशी पूँजी रिज़र्व को बढ़ाने में अपना बड़ा ही महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. वैसे भारत एशिया का प्रमुख आयल शोधन कर्त्ता की हैसियत को प्राप्त कर चुका है, जिसकी कुल क्षमता 5 मिलियन बैरल प्रतिदिन है. वर्तमान परस्थिति में यूरोप के आलावा अमेरिका भी भारत से (वीजीओ ) आयात कर रहा है। गुजरात में स्थित वाडीनार पोर्ट से ही यूरोप और अमेरिका को (वीजीओ) एक्सपोर्ट होता है। वाडीनार वही जगह है जहाँ भारत की दूसरी सबसे बड़ी ‘नायेरा’ रिफाइनरी स्थित है, जबकि इसके पास ही जामनगर में दुनिया की सबसे बड़ी रिलायंस की रिफाइनरी स्थित है। ध्यान रहे पश्चिमी देशो के द्वारा लगाया गया प्रतिबन्ध रूस से आने वाला कच्चे तेल पर है, दूसरे देशों से आने वाले रिफाइंड तेल पर नहीं।

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