Home » हमास के दुराचारों को भूलें !

हमास के दुराचारों को भूलें !

  • इं. राजेश पाठक
    केपजेमिनी की रिपोर्ट को आधार बनाकर जो बात निर्मला सीतारामन ने पिछले वर्ष कही थी, वही संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक मामलों की एक समिति ने दोहरायी है। बताया गया है कि 65% से भी अधिक बहुराष्ट्रीय कंपनियों के शीर्ष अधिकारी अपनी सप्लाई चैन चीन से बहार निकलकर भारत में निर्मित करना चाहते हैं। वे अब निवेश की योजना बनाने में भी जुट गयें हैं । लेकिन इस बीच नॉर्वे ने अलग राह पकड़ी है । कैसे ? उसके पहले जरा ‘सोवेरेन वेल्थ फण्ड’ के बारे में समझ लेते हैं।
    आन्तरिक स्रोतों से प्राप्त राजस्व और विदेश से प्राप्त पूंजी से मिलकर निर्मित होता है किसी भी देश का सॉवरेन -फण्ड। हमारे सॉवरेन फण्ड में , निर्यात से न प्राप्त होते हुए , फोरेन रीमिटेंस ( विदेश में रह रहे प्रवासियों की भेजी गया पैसा ) तथा एफडीआई -एफपीआई के माध्यम से विदेश से प्राप्त निवेश के रूप में पूंजी का हिस्सा होने के कारण सरकार इसको कहीं और किसी कंपनी में निवेश करने का खतरा नहीं उठा सकती क्योंकिआगे चलकर भुगतान का संकट भी खड़ा हो सकता है।
    पर नॉर्वे जैसा देश निर्यात सम्पन्न अर्थव्यवस्था से युक्त होने के कारण दुनिया का एक प्रभावी निवेशक है । लेकिन अभी ये इसलिए खबर में है क्योंकि इसने अपने ‘ सोवेरिन-फण्ड’ से अदानी की कंपनी में पैसा लगाने से मना कर दिया है। उसको ये आपत्ति है कि अदानी ने उस इजराइल में अपने निवेश कर हायफ़ा पोर्ट का निर्माण किया है, जिसने गाज़ा में ‘मानव अधिकार का हनन’ किया! वैसे इस कदम से अदानी के वित्तीय सेहत पर कोई असर नहीं दिखा, ऐसी खबर हैं। तो केवल अमेरिका या यूरोप के विश्वविद्यालय ही नहीं , दुनिया में और भी लोग हैं जिन्होंने हमास के दुराचारों को भुलाकर फिलिस्तीन -समर्थकों के साथ खड़ा होना चुना। वो अलग बात है, जब उनका कालेज में एडमिशन संकट में पड़ता दिखा तो कदम वापस लेने को विवश हुए।
    कुछ और नहीं ये पान –इस्लामिक ‘अल-उम्माह’ के संगठित बल का कमाल है , जिसका दुनिया को एहसास नहीं और भारतवंशियों को शायद बिलकुल भी नहीं। आज फिलिस्तीनियों पर हुए तथाकथित अत्याचारों के विरुद्ध ये माओवाद से प्रेरित भारतीय छात्र- छात्राएं उनके साथ हैं। लेकिन हमारे यहां कश्मीर में भी लोगों ने फिरकापरस्तों के हाथों कहीं अधिक अमानुषिक अत्याचार सहे हैं। कितने अरब-पाकिस्तान के लोग दिखे, जिन्होंने ने कभी इन भारतीयों के प्रति सहनुभूति व्यक्त की हो !

Swadesh Bhopal group of newspapers has its editions from Bhopal, Raipur, Bilaspur, Jabalpur and Sagar in madhya pradesh (India). Swadesh.in is news portal and web TV.

@2023 – All Right Reserved. Designed and Developed by Sortd