कहते हैं छोटे छोटे प्रयासों के दम पर बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है। किसी भी काम की छोटी शुरुआत बड़ी पहचान दिला सकती है। इसी आस का दामन थामे हुए गोपाल मेहरा और सुनीता गोटे ने अपना व्यवसाय शुरू किया। तमाम परेशानियों के बावजूद वे हिम्मत नहीं हारे और आगे बढ़ते रहे। आज वे लोग स्वरोजगार से अपना सपना तो पूरा कर ही रहे हैंसाथ मेंअन्य लोगों को रोजगार देकर उनकी सहायता भी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना की सहायता से शुरू हुए स्वरोजगार से उन्होंने एक मिसाल कायम की है।
टैक्सी व्यवसाय से आत्मनिर्भर बने गोपाल
नरसिंहपुर जिले की पंचायत करहैयाखेड़ा निवासी गोपाल मेहरा अब आत्मनिर्भर बन गए हैं। अब वे टैक्सी के मालिक बनकर अच्छी आय प्राप्त कर रहे हैं। गोपाल कहते हैं कि मैंने 10वीं तक पढ़ाई की। इस कारण मुझे कोई अच्छा काम नहीं मिल रहा था। इतने पैसे भी नहीं थे कि खुद का व्यवसाय शुरू कर सकूं। तभी मुझे मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के बारे में पता चला।मैंने बैंक में लोन के लिए आवेदन दिया। बैंक से मुझे 11 लाख रुपए का लोन मिला। पैसा मिलते ही मैंने एक नया वाहन खरीदा और टैक्सी सर्विस का काम शुरू किया। जब से टैक्सी का संचालन शुरू किया है, तब से आर्थिक स्थिति मजबूत हुई। टैक्सी के इस कम में मुझे अच्छे पैसे मिलते हैं जिससे बचत भी हो जाती है और महीने की बैंक किश्त भी जमा हो रही है।
मैं बन सकी आत्मनिर्भर
एक महिला के लिए आज के समय में आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है। आज की महिलाएं चूल्हे-चौके तक ही सीमित नहीं है परिवार की आर्थिक रूप से सहायता करना भी अपना दायित्व समझती हैं। ये कहना है नरसिंहपुर के गयादत वार्ड स्टेशनगंज निवासी सुनीता गोते का। वे कहती हैं, समय बदल गया है और बदलते समय के अनुसार महिलाओं की जिम्मेदारी में भी बदलाव आया हुआ है। अब महिलाएं दूसरों पर निर्भर होने के बजाए आत्मनिर्भर होना ज्यादा जरूरी समझती हैं। मैं भी उन्हीं महिलाओं में से हूं जो अन्य महिलाओं के लिए प्ररेणा बनना चाहती है। मैंने अपने आप को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रेडीमेड कपड़े की दुकान शुरू की। इससे न सिर्फ मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है बल्कि मुझे भी एक नई पहचान मिली है।