224
- रामनाथ कोविंद
आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के 9 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस दौरान भारत के हर क्षेत्र में विकास की दृष्टि से क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं। मैं इस बदलते भारत का साक्षी रहा हूँ। पहले एक सामान्य नागरिक के रूप में, फिर एक राज्यपाल के रूप में, बाद में देश के राष्ट्रपति के रूप में और अब पूर्व राष्ट्रपति के रूप में मैंने इन परिवर्तनकारी बदलावों को बहुत ही नजदीक से अनुभव किया है। देश के एक नागरिक के रूप में मैं इतना निश्चित रूप से कहना चाहता हूँ कि मेरा देश बदल रहा है। ये अनुभव आज देश का हर नागरिक कर रहा है। साथ ही, पूरी दुनिया भी भारत में बीते 9 सालों में आये बदलाव से आश्चर्यचकित है और भारत को सलाम कर रही है।
बीते 9 वर्षों में वैश्विक मंचों पर निरंतर भारत की ताकत का आभास होना सुखद संकेत है। यह ताकत इसलिये भी बढ़ रही है क्योंकि दुनिया अब युद्ध नहीं, शांति चाहती है। भारत अपनी शांति, मानवतादी सोच एवं हिंसा-युद्ध विरोधी नीतियों से सभी महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जिस तरह वैश्विक समुदाय का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। इसका एक प्रमाण अभी हाल ही में हमने हिरोशिमा, फिजी और ऑस्ट्रेलिया में भी देखा। भारत में जी-20 का जिस तरह से सफल आयोजन हुआ, वह पूरे देश को गौरवान्वित करने वाला है। श्रीनगर में जी-20 की बैठक का सफल आयोजन वैश्विक पटल पर भारत के बढ़ते कदम का मजबूत हस्ताक्षर है।
मुझे बीते 9 वर्षों में जिस बात से सबसे अधिक प्रसन्नता हुई है, वह यह है कि इस कालखंड में देश के गाँव, गरीब, किसान, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित, पिछड़े, महिलायें एवं युवा – सभी सशक्त हुए हैं। आज भारत की बेटियां हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। देश के युवा वैश्विक पटल पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं। सामाजिक न्याय के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार समर्पित रही है क्योंकि सरकार की कार्यसंस्कृति का आधार ही सबका साथ, सबका विकास रहा है। लगभग 48 करोड़ लोगों के लिए बैंक के द्वार खुले, बिजली से वंचित 18 हजार से अधिक गाँवों और लगभग 4 करोड़ घरों में बिजली पहुंची, लगभग तीन करोड़ गरीबों के घर बने, लगभग 11 करोड़ शौचालय बनाये गए, 9.5 करोड़ गैस कनेक्शन वितरित किये गए, देश के 55 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत का कवच दिया गया, करोड़ों एलईडी बल्ब वितरित किये गए, लाखों गाँवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया, किसानों और मजदूरों के लिए मासिक पेंशन की व्यवस्था की गई और 10 करोड़ से अधिक किसानों को किसान सम्मान निधि के तहत सशक्त बनाया जा रहा है। देश के लगभग 80 करोड़ लोगों को जरूरी राशन मुफ्त में दिया जा रहा है। यही तो वे बुनियादी आयाम हैं, जिसकी भारत वर्षों से बाट जोह रहा था।
आज लाभार्थियों के हक़ का पैसा बिना किसी बिचौलिए के सीधे उनके बैंक एकाउंट में ट्रांसफर हो रहा है। इसमें जो पहले लीकेज हो रहा था, उसको ख़त्म कर इस पैसे का उपयोग गरीब कल्याणकारी योजनाओं में लगाया जा रहा है। मैंने खबर पढ़ी है कि डीबीटी के माध्यम से लगभग 27 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि लाभार्थियों के एकाउंट में अब तक ट्रांसफर की जा चुकी है। बीते 9 वर्षों में देश की प्रति व्यक्ति आय और किसानों की आय में व्यापक वृद्धि हुई है। हर गाँव को पक्की सड़कों से जोड़ा गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग का व्यापक विस्तार हुआ है। विकास के कॉरिडोर बनाये जा रहे हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में भारत की तैराकी बेमिसाल है।
नरेन्द्र मोदी न केवल देश को हर मोर्चे पर आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं बल्कि वे इतिहास की कई गलतियों को भी सुधार रहे हैं और ‘न्यू इंडिया’ के मजबूत संकल्प को साकार कर रहे हैं। बीते 9 सालों में भारत ने कई विवादित मुद्दों का स्थायी समाधान सुनिश्चित किया। अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर बन रहा है, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 समाप्त हुआ, आतंकवाद पर निर्णायक प्रहार हुआ और मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक से आजादी मिली। देश गुलामी की हर सोच से मुक्ति पाने की राह पर चल पड़ा है। रेस कोर्स रोड, लोक कल्याण मार्ग के रूप में प्रतिष्ठित हुआ, राजपथ अब कर्तव्य पथ है, नेशनल वॉर मेमोरियल बना, इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगी, सरदार पटेल को समर्पित विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनी।
देश को आजाद हुए 75 वर्ष हो गए। आज भारत विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में जाना जाता है लेकिन इतने वर्षों बाद भी लोकतंत्र का हमारा मंदिर संसद ब्रिटिश कालीन निर्मित भवन में चल रहा था । वर्षों से नए संसद भवन की जरूरत थी। मैंने भी एक सांसद के रूप में एक नए भवन की जरूरत महसूस की थी। कई बार इस पर चर्चा हुई लेकिन पहल नहीं की गई। प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन के निर्माण का बीड़ा उठाया और रिकॉर्ड समय में हमारा नया संसद भवन बनकर तैयार हुआ। यह भारत के महान लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण एवं संवर्धन में महती योगदान देगा। इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनने का सौभाग्य मुझे भी मिला। नरेन्द्र मोदी सरकार के 9 वर्षों में भारत ने कई चुनौतियों को परास्त करते हुए इसे देश के लिए अवसर में बदला है। कोरोना काल में देश ने जिस तरह एकजुटता दिखाई और इसे मात दी, वह वाकई काबिलेतारीफ है। भारत 9 वर्षों में दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनी।
भारत रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है। भारत आज रक्षा उत्पादों का निर्यात भी कर रहा है। सीमा सुरक्षा मजबूत हुई है। सीमा सुरक्षा और सीमा पर बसे गाँवों में रहने वाले लोगों के सशक्तिकरण के उद्देश्य के साथ शुरू हुई वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की जितनी तारीफ की जाय, कम है। मैं बीते 9 साल को भारत की आशा, आकांक्षा और विश्वास के 9 साल मानता हूँ जहाँ देश के हर एक नागरिक को अपने देश पर गर्व हुआ है।
बीते 9 वर्षों में भारत प्रगति, प्रकृति, मानवता और लोक-कल्याण का अद्भुत संगम बना है। इन 9 वर्षों में भविष्य के भारत की नींव रखी है जो 2047 में विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने में सहायक होगा। आइये, हम सब देशवासी एकजुट होकर देश के पुनर्निर्माण के यज्ञ में अपनी आहुति दें और भारत को विश्वगुरु के पद पर प्रतिष्ठित करने में अपने आप को समर्पित करें।यह एक सपने को सच में बदलने का अवसर कुछ के लिये गर्व करने का माध्यम बनेगा, वहीं कुछ के लिये अपनी ऐतिहासिक भूलों के लिये पश्चाताप का कारण बनेगा। अस्तित्व को पहचानने, दूसरे के अस्तित्वों से जुड़ने, राष्ट्रीय पहचान बनाने, लोकतंत्र को समृद्ध-शक्तिशाली बनाने और अपने अस्तित्व को राष्ट्र के लिये उपयोगी बनाने के लिये यह स्वर्णिम अवसर था। क्योंकि इस दिन संसद के नए भवन के उद्घाटन के साथ ही एक नए इतिहास का निर्माण हुआ। स्वतंत्र भारत की संसद के नए भवन को जो महत्ता और गरिमा प्रदान की गई, वह समय की मांग थी। संसद के नए भवन का रिकार्ड समय में निर्माण और उसका भारतीयता से पगे विभिन्न धर्मों की प्रार्थनाओं के माहौल में उद्घाटन ने आत्मनिर्भर और आत्मविश्वास से भरे भारत की एक नई झलक पेश की। वास्तु, विरासत, कला, संस्कृति, समृद्ध इतिहास, बलिदानी भारत-निर्माताओं के साथ संविधान की छवियों को समेटे संसद के नए भवन के भव्य उद्घाटन ने यह विश्वास पैदा करने का काम किया कि अमृतकाल में भारत नई ऊंचाइयां स्पर्श करेगा और उन सपनों को साकार करेगा, जो हमारे राष्ट्र निर्माताओं ने देखे थे। भारत समृद्ध भी होगा, विश्व गुरु भी होगा, शक्तिशाली भी होगा। प्रेषकः