January 8, 2025 6:52 PM

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January 8, 2025 6:52 PM

सोने – चांदी के दामों में आई बढ़ोतरी

  • सोने-चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव चलता रहता है। ऐसे में अगर आप सोना या चांदी खरीदने का विचार बना रहे है तो उससे पहले ये एक बार उनके भाव जरूर जान ले।

सोने-चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव चलता रहता है। ऐसे में अगर आप सोना या चांदी खरीदने का विचार बना रहे है तो उससे पहले ये एक बार उनके भाव जरूर जान ले। आपको बता दे कि आज आज 1 जून को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर भी सोने के भाव में मामूली तेजी है।

दरअसल लोकसभा चुनाव बाद सोना-चांदी के दाम में गिरावट दर्ज की जा सकती है, जिससे हर किसी की जेब का बजट सुधर जाएगा। बाजार में बीते 24 घंटों में जस की तस बनी हुई है। आपको बता दे कि 1 जून 2024 को 24 कैरेट शुद्ध सोने का रेट 72,760 रुपये दर्ज किया गया। इसके अलावा 22 कैरेट सोने का रेट 66,700 रुपये दर्ज किया गया। ऐसे में खरीदारी से पहले आप कुछ महानगरों में गोल्ड का रेट जान लें

महानगरों में गोल्ड का रेट

राजधानी दिल्ली में 24 कैरेट वाले सोने का भाव 73420 रुपये और 22 कैरेट का प्राइस 67300 रुपये प्रति दस ग्राम पर दर्ज किया गया। राजधानी मुंबई में 24 कैरेट वाले सोने का रेट 72760 रुपये और 22 कैरेट 66700 रुपये प्रति तोला में बिकता नजर आया। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में 24 कैरेट वाले सोने का भाव 73420 रुपये और 22 कैरेट का प्राइस 67300 रुपये प्रति तोला में बिकता नजर आया। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में 24 कैरेट 72760 रुपये और 22 कैरेट का भाव 66700 रुपये प्रति तोला में बिका।

वही बात करे चांदी की तो चांदी के रेट भी सातवें आसमान पर दर्ज किए जा रहे हैं, जिससे हर किसी का बजट बिगड़ा हुआ चल रहा है। बाज़ार में बढ़ोतरी के बाद चांदी का भाव 95500 रुपये प्रति किलो में दर्ज किया जा रहा है, जो किसी बढ़िया ऑफर की तरह है। जानकारी के लिए बता दें कि आईबीजेए पर घोषित किए गए रेट पूरे देश में वैध माने जाते हैं। महानगरों में जीएसटी लगने से इसके रेट ज्यादा नजर आते हैं।

क्यों बढ़ती है सोने की कीमत?

दरअसल देश में सोने या चांदी का भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने-चांदी की कीमतों में बदलाव और रुपये-डॉलर विनिमय दर में उतार-चढ़ाव से प्रभावित होते हैं। मई 2024 में सोने-चांदी की कीमतों में वृद्धि के पीछे कई कारण हैं, जिनमें अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कमी, मुद्रास्फीति की चिंताएं और भू-राजनीतिक तनाव शामिल हैं।

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