स्वदेश संवाददाता। भोपाल मध्यप्रदेश में महिला एवं बाल विकास की परियोजनाओं में अपनी सेवाएं देने वाले 453 परियोजना अधिकारियों ने विभाग के प्रमुख सचिव अशोक शाह और संचालनालय की संचालक व प्रभारी आयुक्त स्वाती मीणा नायक को आईसीडीएस परियोजना अधिकारी संघ के बेनर तले एक चिट्ठी लिखकर कहा कि प्रदेश के परियोजना अधिकारियों की समस्याओं पर सकारात्मक चर्चा करने एवं विभिन्न मुद्दों पर बिंदुवार बात करने एक घंटे का समय मांगा है। उल्लेखनीय है कि रवीन्द्र भवन में विभागीय योजनाओं की कार्यशाला का आयोजन 19 फरवरी को रखा गया था, जिसमें संगठन ने उच्चाधिकारियों को चिट्ठी लिखते हुए कहा था कि कार्यशाला में प्रदेश के सभी परियोजना अधिकारी कायर्कशाला में स्वरुचि भोज में शािमल न होकर एक दिन का उपवास रखेंगे। इस पर उच्चाधिकारियों ने आनन-फानन में कार्यशाला को वेबिनार के रुप में आयोजित करने की चिट्ठी जारी कर कार्यशाला में होने वाले विरोध को टालने का प्रयास किया था। हालांकि प्रदेश का पहला एक ऐसा विभाग हैं जिसमें कोरोनाकाल से लेकर वर्तमान तक सर्वाधिक स्वेच्छा सेवानिवृत्ति लेने वाले हैरान-परेशान अधिकारी कर्मचारी की संख्या बताई जा रही है।
इन पर सकारात्मक करेंगे चर्चा
संगठन के माध्यम से जिन मुद्दों पर सकारात्मक बिंदुवार चर्चा करना है ऐसे मुद्दों में परियोजना अधिकारियों को ग्रेड-पे 4800 रुपए दिया जाए, पुन: आहरण संवितरण अधिकार दिए जाएं, मर्ज किए गए अधिकारियों का पदनाम बदला जाए, परीवीक्षा अवधि दो वर्ष में समाप्त की जाए, अनुबंधित वाहनों के नियम सरल किए जाएं, वेबजह दंडित नहीं किया जाए, परियोजना स्तर पर होने वाले सभी प्रकार के व्यय सीधे दिया जाए, परियोजना स्टाप का अटैचमेंट समाप्त किया जाए, विभिन्न योजनाओं के लिए पर्याप्त स्टाफ दिया जाए, लाडली लक्ष्मी योजना में फीडिंग राशि समय पर दी जाए, जनसहयोग से संचालित होने वाले कार्यक्रम बंद किए जाएं, हितग्राहियों को टीएचआर के रुप में रेडी टू ईट सामग्री एवं सांझा चूल्हा के माध्यम से प्रदाय भोजन की गुणवत्ता ठीक नहीं है, दोनो प्रकार की पोषण आहार की राशि सीधे बेनीफिट योजना के तहत हितग्राहियों के खाते में भेजी जाए इत्यादि।
इन्होने बताया
उच्चाधिकारियों को संघ की तरफ से चिट्ठी लिखकर कहा है कि परियोजना अधिकारियों की जायज मांगे बेहद लंबे समय से लंबित होने एवं शासन द्वारा निराकरण न किए जाने से सभी परियोजना अधिकारियों में बेहद निराशा एवं आक्रोश है। समक्ष में चर्चा करने 26 फरवरी के पहले एक घंटे का समय मांगा है। अगर समय नहीं मिलता है तो आगे की रणनीति के तहत कठिन निर्णय लेकर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
इन्द्रभूषण तिवारी, प्रदेश सचिव, आईसीडीएस परियोजना अधिकारी संघ मप्र.